Wednesday, November 24, 2010

फिर मै चल दूंगा


दो घडी सास तो लेने दो
फिर मै चल दूंगा
ज़रा अपनी यादो को यु बाँध लू अपने सामान के साथ
फिर मै चल दूंगा
मेरे नाम की गूँज जो अभी भी किसी कोने में मुझे ढूँढती है
उसका कुछ इंतजाम तो कर लू
फिर मै चल दूंगा
अभी तो शीशे पर बिखरी है मेरी हर सुबह जो ख़ास थी
अभी बाकी है हिसाब उस अजनबी पडोसी से उधार का
अभी तो हटाने हे परदे जो बेमेल से थे मेरी पसंद के
अभी तो ख़त्म करना है इंतज़ार दरवाजे पर किसी का
अभी तो फूल जो सुखाये थे किताबो के बीच ढूँढने है
अभी वोह नमी दीवारों को नए रंग की सुखानी है
ज़रा ये बंदोबस्त तो कर लू
फिर मै चल दूंगा

12 comments:

  1. अभी वोह नमी दीवारों को नए रंग की सुखानी है
    ज़रा ये बंदोबस्त तो कर लू
    फिर मै चल दूंगा ..

    ---

    kafi hat ke likhaa hai aapne-badhai

    .

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  2. आप बहुत अच्छा लिखते हो|

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  3. वाह! क्या रचना लिखी है. बहुत उम्दा.
    जारी रहें. शुक्रिया.
    --
    कुछ ग़मों के दीये

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  4. संगीता जी,

    वाह....बहुत सुन्दर ख्याल हैं आपका ब्लॉग अच्छा लगा...कुछ अलग है आपमें ये पोस्ट शानदार लगी.......एक टिप्पणी दे दूँ ....फिर मैं चल दूंगा- :)

    आगे भी ऐसा ही पड़ने को मिलता रहेगा इस उम्मीद में आपको फॉलो कर रह हूँ .....

    कभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को को भी)

    http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
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    http://qalamkasipahi.blogspot.com/

    एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|

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  5. "अभी तो शीशे पर बिखरी है मेरी हर सुबह जो ख़ास थी
    अभी बाकी है हिसाब उस अजनबी पडोसी से उधार का
    अभी तो हटाने हे परदे जो बेमेल से थे मेरी पसंद के
    ....
    ज़रा ये बंदोबस्त तो कर लू
    फिर मै चल दूंगा"

    पढ़कर अच्छा लगा - शुभकामनाएं

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  6. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  7. अभी तो ख़त्म करना है इंतज़ार दरवाजे पर किसी का
    अभी तो फूल जो सुखाये थे किताबो के बीच ढूँढने है
    अभी वोह नमी दीवारों को नए रंग की सुखानी है
    ज़रा ये बंदोबस्त तो कर लू
    फिर मै चल दूंगा
    ...
    नए चिट्ठे के साथ आपका स्वागत है....

    http://veenakesur.blogspot.com/

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  8. बहुत उम्दा रचना| शुभकामनाएं !

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  9. लेखन के मार्फ़त नव सृजन के लिये बढ़ाई और शुभकामनाएँ!
    -----------------------------------------
    जो ब्लॉगर अपने अपने ब्लॉग पर पाठकों की टिप्पणियां चाहते हैं, वे वर्ड वेरीफिकेशन हटा देते हैं!
    रास्ता सरल है :-
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    आलेख-"संगठित जनता की एकजुट ताकत
    के आगे झुकना सत्ता की मजबूरी!"
    का अंश.........."या तो हम अत्याचारियों के जुल्म और मनमानी को सहते रहें या समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय-सरकारी कर्मचारी, अफसर तथा आम लोग एकजुट होकर एक-दूसरे की ढाल बन जायें।"
    पूरा पढ़ने के लिए :-
    http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_29.html

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  10. dont have words ....................

    truly amazing ....

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  11. " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच

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