मिल जाते जो तुम उन दिनों
जब मै अपने पहलू में चाँद रखती थी
और सितारों को अपनी जुल्फों में सजाकर रखती थी
सोचो , प्यार अपना किसी सुहानी रात सा होता
मिल जाते जो तुम उन दिनों
जब में इतराकर हवा को कहती थी
तू चल किसी भी और, मेरा ठौर वही बन जायेगा
मेरे हाथो की लकीरे भी बातें करती थी मुझसे
सोचो , प्यार अपना किसी कहानी सा होता
तकदीर तो देखो मिले तो अब मिले जब
मैंने जान लिया जिंदगी ख्वाबो में नही जी जाती........................